Mausam Shayari in Hindi | मौसम पर शायरी

दोस्तों हम सभी को कोई न कोई मौसम पसंद रहता है जैसे किसी को सर्दी का मौसम किसी को गर्मी का मौसम तो किसी को बारिश का मौसम सबकी अपनी अपनी पसंद होती है । इसी लिए हर किसी को अपने मौसम का बेसब्री से इंतजार रहता है जो उनको पसंद रहता है ताकि हम उस मौसम का मजा ले सके हमें घुमने का मौका मिले अपने दोस्तों, परिवार गर्केलफ्रेंड के साथ इन्ही बदलते मौसमो को देखते हुए शायरों ने कुछ बेहद खुबसूरत शायरी लिखी है जो हम आप लोगो तक पहुचाने का काम करते हैं हम उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखी गयी यह (मौसम शायरी ) Mausam Shayari in Hindi बहुत पसंद आने वाली हैं ।

Best Mausam Shayari

हमें सर्द मौसम में तेरी यादें सताती हैं,
तुम्हें एहसास होने तक नवंबर बीत जायेगा !

Best Mausam Shayari

 

किस बात का गुरुर है जो,
अब बदलने लगा है मौसम की तरह,
पराया सा समझने लगा है मुझे जो था,
कभी हमदम की तरह !

 

दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो,
इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो !

Mausam Shayari in Hindi

 

काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी,
जिंदगी से कि मैं बारिश में भी रोऊँ और,
वो मेरे आँसू पढ़ ले !

 

जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो,
तो संग मौसम बाहर का लाते हो !

Pyar Bhari Mausam Shayari

 

रुका हुआ है अजब धुप छाँव का मौसम,
गुजर रहा है कोई दिल से बादलों की तरह !

 

बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है,
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है !

Mausam Shayari

 

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना,
लगे मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे !

 

इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा है,
वैसे पीता तो नहीं पर फिर भी,
नशा पूरा चढ़ा रखा है !

Mausam Shayari

 

गर्मी वाले मौसमी मज़े,
ठंडे पानी से नहाने का मजा,
ठंडी कुल्फी को खाने का मजा,
निम्बू पानी को बनाने का मजा,
भरी गर्मी में बत्ती जाने का मजा !

New Mausam Shayari in Hindi

जिसे भीगने का डर होता है,
वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,
जिसे बिछड़ने का डर होता है,
वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है !

Mausam Shayari Hindi

 

टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है !

 

मौसम का रुख बदल रहा है,
मेरा मन मचल रहा है,
कहता है मेहबूब से मिल ले,
अब दिल नहीं संभल रहा है !

Romantic Mausam Shayari

 

मिरी धूप में आने से पहले,
कभी देखे थे मौसम ऐसे !

 

सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ !

Mausam Shayari in Hindi

 

विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है !

 

मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है !

New Mausam Shayari in Hindi

 

मौसम बदलता है तुम भी बदल गये,
ये नये जमाने का इश्क है हम भी बदल गये !

 

इश्क में सुहाना लगता है हर मौसम,
हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ गम !

New Mausam Shayari in Hindi

 

क्या भरोसा बदलते मौसम का,
रंग कल कुछ था आज और है कुछ !

 

बरस रहा है बादल बेमौसम,
तड़प रहा है यह दिल बेवजह !

 

बालकनी से बाहर आकर कर देखो,
ये जानेजाना। मौसम तुम से मेरे दिल,
की बात कहने आया है !

मौसम पर शायरी

बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर !

 

इस तरह भिगे हम तेरे लिए बारिश में,
क्योकि बरसात के मौसम में भी तेरा अहसास है !

 

कुछ तो हवा भी सर्द थी,
कुछ था तेरा ख्याल भी,
दिल को खुशी के साथ साथ,
होता रहा मलाल भी !

 

मौसम की मिसाल दूँ या नाम लूँ तुम्हारा,
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं !

 

रास्तों में सफर करने का मजा आ जाता है,
जब बारिश का सुहाना मौसम हो जाता है !

 

कोई रंग नही होता बारिश के पानी में,
फिर भी फिजा को रंगीन बना देता है !

 

हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक्त आता है,
जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है !

 

अरे इतना भी मत सताओ,
मौसम सुहाना है,
थोड़े नखरे कम करो,
दूर क्यूँ हो थोड़ा पास आ जाओ !

 

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !

 

इस तरह भिगे हम तेरे लिए बारिश में,
क्योकि बरसात के मौसम में भी तेरा,
अहसास है !

 

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा,
ख्याल भी दिल को खुशी के,
साथ साथ होता रहा मलाल भी !

 

सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ !

 

अभी तो खुश्क़ है मौसम,
बारिश हो तो सोचेंगे हमें अपने अरमानों को,
किस मिट्टी में बोना है !

 

अजब सी हालत है तेरे जाने के बाद,
मुझे भूख लगती नहीं खाना खाने के बाद,
मेरे पास दो ही समोसे थे जो मैंने खा लिए
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद !

 

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है,
मन करता चीख कर कह दूँ
हमको तुमसे बहुत प्यार है !

 

मैं आखिर कौन सा मौसम,
तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को,
गुजर जाने की जल्दी थी !

 

मौसम का KUCH ऐसा खुमार है,
मन करता चीख कर कह दू-हमको,
तुमसे बहुत PYAR है !

 

मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है !

 

शहर की बारिश का पता चलता है,
जब गांव में बारिश होती है,
तब बाग़-बगीचों और खेतों में,
हरियाली ही हरियाली नजर आती है !

 

जैसे की आपने उपर दी गयी शायरी को पढा होगा हमने मौसम पर बेहद खुबसूरत शायरी लिखी हैं जो आप लोगो को बहुत पसंद आई होंगी यदि आपको हमारी यह शायरी पसंद आये हो तो निचे कमेंट में जरुर अपनी राय दें ।

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